नामांकन रैली में अपने जनाधार का प्रदर्शन कर नेता प्रतिपक्ष कमलेश अग्रवाल ने ठोकी दावेदारी

विलोक पाठक / न्यूज़ इन्वेस्टिगेशन
जबलपुर चार बार के पार्षद और नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष कमलेश अग्रवाल निर्दलीय फॉर्म लड़कर भाजपा को खुली चुनौती दे डाली। पार्टी के निर्णय से नाराज होकर नेता प्रतिपक्ष और भाजपा नेता कमलेश अग्रवाल ने निर्दलीय के रूप में नामांकन भर दिया। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी और निर्दलीय दोनों रूप में फॉर्म भरा है। यदि उन्हें भाजपा की ओर से भी फॉर्म नहीं मिलता तो वो निर्दलीय ही चुनाव लड़ेंगे। नामांकन यात्रा में आई भीड़ देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि कमलेश किस तरह से उत्तर मध्य में कमल के लिए कलेश बनते जा रहे हैं। सब कुछ कमलेश के हिसाब से चला तो निश्चित रूप से भाजपा को इस सीट में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। कमलेश को दो वर्गों का विशेष सहयोग मिल रहा है, एक वर्ग के नेता ने तो कह दिया कि कमलेश अग्रवाल फार्म वापस नहीं लेंगे तो पूरा समाज उनके साथ है और उन्हें जिताने के लिए पूरा प्रयास किया जाएगा। कमलेश अग्रवाल ने जिस तरह निर्दलीय चुनाव लड़ने की हुंकार भरी है, संभवतः उत्तर मध्य के असन्तोषी आक्रोशित भाजपाइयों का अंदरूनी सपोर्ट कमलेश के लिए लाभदायक हो सकता है।
असंतुष्टों ने बनायीं नामांकन रैली से दूरी
धीरज पटेरिया और समर्थकों के शांत होते ही एक अन्य गुट जो दूसरों के कंधों पर बंदूक चला रहा है कमलेश के साथ हो लिया है | असंतुष्टों के इस ग्रुप ने विवाद की शुरुआत करायी थी | 2 तारीख को नाम वापसी है इसलिए असंतुष्ट चाह रहे हैं कि अगर कमलेश नाम वापसी का फार्म नहीं लेते हैं तो वो उनके साथ है | परंतु अगर वह नाम वापस लेते है तो असंतुष्ट फ्री में पार्टी विरोधी हो जाएंगे। इस सब को देखकर कमलेश की रैली में असंतुष्टों का जत्था नजर नहीं आया।