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कलेक्टर की खुली सुनवाई के खिलाफ निजी स्कूल पहुंचे हाईकोर्ट

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VILOK PATHAK 

न्यूज़ इन्वेस्टीगेशन / जिला कलेक्टर ने 17 निजी स्कूलों के खिलाफ मिली शिकायत पर खुली सुनवाई आयोजित की थी। जिसमें निजी स्कूलों के प्राचार्य या प्रबंधक और अभिभावकों को बुलाया गया था। खुली सुनवाई को रोकने  के लिए निजी स्कूलों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है, जिसकी सुनवाई मंगलवार को एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और विनय सराफ की युगल पीठ में हुई। इस खुली सुनवाई को रोकने से हाईकोर्ट ने इनकार किया है, लेकिन थोड़ी राहत निजी स्कूलों को दी है।

निजी स्कूलों की ओर से अधिवक्ता ने यह आरोप लगाए कि इस खुली सुनवाई में अभिभावक कम आते हैं और पेरेंट्स संगठन के लोग निजी स्कूलों पर आरोप लगाते हुए सुनवाई के दौरान वीडियो भी बनाते हैं। इसके साथ ही याचिकाकर्ताओं की ओर से बिना किसी संगठन का नाम लिए यह आरोप लगाया गया की कुछ संगठन अभिभावकों को यह मैसेज कर रहे हैं कि निजी स्कूलों को कोई भी फीस न दी जाए। इसके लिए साक्ष्य के तौर पर कोर्ट के सामने कुछ व्हाट्सएप चैट भी प्रस्तुत किए गए। इसके साथ ही निजी स्कूलों के द्वारा कोर्ट से यह निवेदन किया गया कि उनके ऊपर जो जांच चल रही है उस पर नियमानुसार कार्यवाही की जाए। लेकिन उन्हें इस तरह सबके सामने जवाब देने की असहज स्थिति में ना लाया जाए।

खुली सुनवाई पर तो हाई कोर्ट ने रोक नहीं लगाई है। लेकिन कोर्ट ने यह माना है कि निजी स्कूलों को किसी नई शिकायत का जवाब तुरंत देने के लिए दबाव नहीं बनाया जाएगा। जिस शिकायत का जवाब प्रस्तुत करने निजी स्कूलों के प्राचार्य या प्रबंधक समय समय चाहेंगे। उसके लिए उन्हें नियमानुसार समय दिया जाएगा। एक्टिंग चीफ जस्टिस की युगल पीठ ने यह आदेशित किया है कि होने वाली जनसुनवाई की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी और यह वीडियो रिकॉर्डिंग सुनवाई समाप्त होते ही सील बंद कर दी जाएगी जो बाद में कोर्ट में जमा की जाएगी। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी आदेशित किया है की जनसुनवाई में शामिल कोई भी नागरिक, अभिभावक या पैरेंट संगठन सहित निजी स्कूल भी सुनवाई की कोई वीडियो रिकॉर्डिंग नहीं करेंगे। इस तरह वीडियो रिकॉर्डिंग की सिर्फ एक कॉपी होगी जो कोर्ट में जमा होनी है।

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