नर्सिंग फर्जीवाड़ा – पूर्व रजिस्ट्रार को सुप्रीम कोर्ट से झटका, नहीं मिली राहत, रजिस्ट्रार पद से हटाए जाने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ पहुंची थी सुप्रीम कोर्ट
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◆ विलोक पाठक
न्यूज़ इन्वेस्टिगेशन
नईदिल्ली – नर्सिंग फर्जीवाड़े में मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश पर नर्सिंग कौंसिल के रजिस्ट्रार के पद से हटाई गई पूर्व अनीता चांद ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, एसएलपी दायर कर तर्क दिए गए थे कि हाईकोर्ट ने उन्हें सुनवाई का अवसर दिए बिना पद से हटा दिया, यह भी आरोप लगाए कि पीआईएल लगाने वाले याचिकाकर्ता विशाल बघेल ने हाईकोर्ट में कूटरचित रिपोर्ट पेश की है उन्हीं दस्तावेजों के आधार पर हाईकोर्ट ने उन्हें हटाए जाने का आदेश पारित किया है ।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में 15 जनवरी को हुई सुनवाई में शासन को और पीआईएल याचिकाकर्ता को नोटिस जारी किए थे, मामले में 27 जनवरी की सुनवाई में उत्तरवादियों की ओर से सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि पूर्व रजिस्ट्रार के विरुद्ध गंभीर आरोपों की जांच जारी है जिसके चलते उन्हें रजिस्ट्रार पद से हटाकर अपने मूल विभाग वापस भेजा गया है , उनके विरुद्ध जांच लंबित रहने के फलस्वरूप उन्हें रजिस्ट्रार के पद पर बने रहने से जांच प्रभावित होने की संभावना है।
सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद एसएलपी खारिज कर दी , सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने से पूर्व रजिस्ट्रार की मुश्किलें बढ़ने की संभावना है क्योंकि उनके रजिस्ट्रार कार्यकाल में की गई अन्य अनियमितताओं की भी जांच शुरू हो गई है , जिसकी रिपोर्ट आने पर उन पर बड़ा एक्शन होने की संभावना है ।
गौरतलब है कि नर्सिंग मामले कौंसिल की पूर्व दो रजिस्ट्रार चंद्रकला दिवगैया और सुनीता शिजू को जांच कर शासकीय सेवा से बर्खास्त किया जा चुका है, हालांकि मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है ।