देश

रक्षा मंत्री राजनाथ ने रूस दौरे को बताया स्पेशल, एस-400 मिसाइल की सप्लाई पर दिए ये संकेत

नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि भारत-रूस संबंध एक ‘विशिष्ट एवं विशेष सामरिक भागीदारी’ है और दोनों देशों के बीच मौजूदा सैन्य अनुबंध बरकरार रहेंगे और कई मामलों को दोनों देश कम समय में आगे लेकर बढ़ेंगे। सिंह द्वितीय विश्व युद्ध में जर्मनी पर सोवियत जीत की 75 वीं वर्षगांठ के मौके पर बुधवार को सैन्य परेड में शिरकत करने के लिए तीन दिवसीय दौरे पर मॉस्को आए हैं।

सिंह ने कहा कि मॉस्को की यह यात्रा कोविड-19 महामारी के बाद किसी भारतीय आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल की पहली विदेश यात्रा है। रक्षा मंत्री ने यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए, ‘भारत-रूस संबंध एक विशिष्ट और विशेषाधिकार प्राप्त सामरिक भागीदारी है। हमारे रक्षा संबंध इसके महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक हैं।’

सिंह ने रूस के उप प्रधानमंत्री यूरी बोरिसोव के साथ द्विपक्षीय रक्षा संबंधों पर चर्चा की, जो महामारी की पाबंदियों के बावजूद उनसे होटल में मिलने आए थे। रक्षा मंत्री ने कहा, ‘दोनों के बीच हुई चर्चा बेहद सकारात्मक रही। मुझे आश्वासन दिया गया है कि दोनों देशों के बीच चल रहे अनुबंधों को कायम रखा जाएगा और न केवल कायम रखा जाएगा बल्कि कई मामलों पर कम समय में आगे भी बढ़ा जाएगा। हमारे सभी प्रस्तावों पर रूस की ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। मैं चर्चा को लेकर पूरी तरह संतुष्ट हूं।’

उन्होंने रूस की ओर से भारत को समय पर एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली दिए जाने का संकेत देते हुए यह बात कही। इस बीच, नई दिल्ली में एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि मॉस्को में सैन्य परेड के इतर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके चीनी समकक्ष वेई फेंगे के बीच द्विपक्षीय बैठक नहीं होगी। चीनी के रक्षा मंत्री वेई फेंगे के भी परेड में हिस्सा लेने की संभावना है।

चीनी मीडिया की एक खबर में कहा गया है कि वेई और सिंह मॉस्को में समारोह में हिस्सा ले रहे हैं और पूर्वी लद्दाख में सीमा पर तनाव को लेकर दोनों के बीच मुलाकात की संभावना है। चीनी मीडिया की खबर के बारे में पूछे जाने पर रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता भारत भूषण बाबू ने कहा, “हमारे रक्षा मंत्री चीनी रक्षा मंत्री के साथ बैठक नहीं करेंगे।”

रक्षा मंत्री का रूस का दौरा ऐसे वक्त हो रहा है जब भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव बढ़ गया है। अधिकारियों ने कहा कि चीन के साथ सीमा पर गतिरोध चल रहा है लेकिन सिंह रूस के साथ भारत के दशकों पुराने सैन्य संबंधों के कारण दौरे पर गए हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!
Close
Close