ज्योतिष

Vastu Shastra: धन की समस्या को दूर करेगा ये छोटा सा उपाय, लक्ष्मी जी होंगी प्रसन्न

Vastu Tips For Laxmi: जीवन में धन की कमी होने से कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. कभी कभी घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा के कारण धन नष्ट होने लगता है, लेकिन इसका पता नहीं चल पाता है. जब पता चलता है तो बहुत देर हो चुकी होती है. इसलिए कुछ ऐसे उपाय हैं, जिन्हें अपनाकर इस तरह की समस्या से बचा जा सकता है.

 

नकारात्मक ऊर्जा के कारण जमा पूंजी नष्ट होने लगती है
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में जब नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो जाता है तो कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. नकारात्मक ऊर्जा के कारण धन की हानि लगती है. व्यक्ति की जमा पूंजी समाप्त होने लगती है. घर के किसी सदस्य की अचानक सेहत खराब हो जाती है. घर की जरुरतों को पूरा करने के लिए कर्ज लेना पड़ जाता है. व्यक्ति कर्ज दार हो जाता है और कर्ज उतारने में दिक्कत आती है. इस तरह की दिक्कतें नकारात्मक ऊर्जा के कारण ही आती हैं.

 

मुख्य द्वार पर दीपक जलाएं
वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि नकारात्मक ऊर्जा के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो घर के मुख्य दरवाजे के पास शाम को घी का दीपक जलाना चाहिए. प्रतिदिन यदि दीपक जलाते हैं तो इससे नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है.

 

दीपक जलाने से आती है सुख-समृद्धि
पौराणिक मान्यता है कि घर के मुख्य दरवाजे पर सूरज ढलने और अंधेरा प्रारंभ होने पर घी का दीपक जलाने से माता लक्ष्मी का आर्शीवाद प्राप्त होता है. ऐसा कहा जाता कि शाम के समय लक्ष्मी जी भ्रमण पर निकलती है और अपना आर्शीवाद प्रदान करती हैं. घर में नित्य सुबह और शाम को पूजा करनी चाहिए. इसके साथ ही प्रतिदिन शाम की पूजा में लक्ष्मी आरती का पाठ करना चाहिए.

 

लक्ष्मी जी की आरती 
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन  सेवत हरि विष्णु विधाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गाता
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुमको निशदिन सेवत,
मैया जी को निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2

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