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भारत बायोटेक ने कोविड-19 वैक्सीन के लिए वाशिंगटन विश्वविद्यालय के साथ किया समझौता

हैदराबाद: कोरोना वायरस से अब तक दुनियाभर में तीन करोड़ 18 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं जबकि इससे नौ लाख 75 हजार से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। यह आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। हालांकि इसके लिए दुनियाभर में वैक्सीन बनाने का काम चल रहा है, जिसमें भारत भी शामिल है। यहां भी कोरोना की तीन-तीन वैक्सीन के ट्रायल चल रहे हैं और अब भारत बायोटेक कंपनी  ने वैक्सीन के लिए सेंट लुइस में वॉशिंगटन विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ मेडिसिन के साथ एक लाइसेंसिंग समझौता किया है। दरअसल, स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने नाक के माध्यम से दी जाने वाली कोरोना की वैक्सीन विकसित की है।

भारत बायोटेक ने बुधवार को सेंट लुइस में वाशिंगटन विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ मेडिसिन के साथ कोविड-19 की एकल खुराक वैक्सीन- चिंप एडीनोवायरस (चिंपांजी एडीनोवायरस) के लिए एक लाइसेंस समझौते पर हस्ताक्षर किए।
भारत बायोटेक द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक कंपनी के पास अमेरिका, जापान और यूरोप को छोड़कर अन्य सभी बाजारों में वैक्सीन के वितरण का अधिकार होगा।
कंपनी ने बताया कि इस वैक्सीन के पहले चरण का परीक्षण सेंट लुइस विश्वविद्यालय की इकाई में होगा, जबकि नियामक मंजूरियां हासिल करने के बाद भारत बायोटेक अन्य चरणों का परीक्षण भारत में भी करेगी।

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