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‘प्रत्येक 3 में से 1 की मौत’: चीनी वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के नये वेरिएंट के खतरे को लेकर किया सनसनीखेज दावा

साभार – The Narrative 

दुनिया भर के देशों में उत्पात मचाने वाले कोरोना वायरस का कहर अब तक नहीं थमा है। चीन से निकले इस वायरस से ना केवल दुनिया की एक बड़ी आबादी की दैनिक गतिविधियां प्रभावित हुई अपितु इसके चपेट में आकर लाखों लोगों की मौत हुई है।हालांकि दुनिया भर में इतनी बड़ी तबाही मचाने वाले अब तक की सबसे बड़ी महामारी के उत्पत्ति के विषय में चीन ने ना तो विश्व स्वास्थ्य संगठन का सहयोग किया और ना ही इसकी नैतिक जिम्मेदारी स्वीकार की है।अब इसी बीच कोरोना वायरस की उत्पत्ति के लिए जिम्मेदार माने जाने वाले शहर वुहान से एक और डरा देने वाली खबर आई है, जिसको लेकर दुनिया भर में आशंकाओं का बाजार गर्म हो चला है।दरअसल वुहान विश्वविद्यालय के चीनी वैज्ञानिकों द्वारा दावा किया गया है कि कोरोना वायरस का एक नया और अब तक का सबसे घातक वैरिएंट दुनिया में पैर पसार सकता है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि नया कोरोना वायरस ‘नियोकॉव’ दुनिया में दस्‍तक भी दे चुका है।यह नया कोरोना वायरस बहुत ही ज्‍यादा संक्रामक है और इससे संक्रमित प्रत्‍येक 3 में से 1 मरीज की मौत हो सकती है। चीनी वैज्ञानिकों द्वारा किए जा रहे इस दावे को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए रूस के सरकारी वायरोलॉजी शोध केंद्र ने गुरुवार को एक बयान जारी करके कहा कि “वेक्‍टर शोध केंद्र चीनी शोधकर्ताओं द्वारा निओकोव कोरोना वायरस के जमा किए गए आंकड़े से परिचित है। वर्तमान समय में यह इंसानों को संक्रमित करने में सक्षम नहीं है। हालांकि इसके खतरे को देखते हुए और ज्‍याद अध्‍ययन किए जाने की जरूरत है।”दरअसल ‘नियोकॉव’ वायरस मर्स कोव वायरस से जुड़ा हुआ है और सबसे पहले साल 2012 और 2015 में पश्चिम एशिया के देशों में इसके प्रकोप का पता चला था। हालांकि रूसी न्‍यूज एजेंसी स्‍पुतनिक की रिपोर्ट के अनुसार अभी तक यह संक्रमण केवल अफ्रीका के चमगादड़ों तक ही सीमित है।इस संदर्भ में ‘बीओरसिव’ नामक वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के मुताबिक नियोकॉव और उसका नजदीकी सहयोगी पीडीएफ-2180-कोव इंसानों को संक्रमित कर सकता है। हालांकि इस संदर्भ में सबसे बड़ी चिंता चीनी वैज्ञानिकों के द्वारा किए गए दावों को लेकर है, जिसमें उनके द्वारा यह दावा किया गया है कि इस वायरस को इंसानों तक पहुंचने में केवल एक म्यूटेशन की आवश्यकता है।यह दावा इसलिए भी डराने वाला है कि दुनिया भर के कई वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने समय-समय पर यह दावा किया है कि चीन में उत्पन्न कोरोना वायरस प्राकृतिक नहीं बल्कि इसे कृत्रिम तौर पर तैयार किया गया है।अब ऐसे में चीनी वैज्ञानिकों द्वारा नियोकॉव को लेकर किए गए दावे से आशंकाओं का बाजार गर्म हो चला है। दरअसल विशेषज्ञों एवं शोधकर्ताओं को भय है कि इस तरह के दावे करके इसकी आड़ में चीनी वैज्ञानिक कहीं नियोकॉव से इंसानों को संक्रमित करने वाले म्युटेशन को कृत्रिम तौर पर तो तैयार नहीं कर रहे हैं। इसका सही उत्तर तो आने वाले समय में ही तय हो पाएगा।

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