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हाईकोर्ट ने दिल्ली हिंसा मामलों पर 4 विशेष अदालतें गठित कीं

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने इस साल फरवरी में राष्ट्रीय राजधानी के उत्तर-पूर्वी जिले में हुई हिंसा और झड़प के मामलों में मुकदमों की सुनवाई के लिए चार विशेष अदालतों को गठित किया है। हाईकोर्ट ने दिल्ली दंगों के सिलसिले में मुकदमों की सुनवाई के लिए दो मजिस्ट्रेट अदालतें और दो सत्र अदालतें गठित की है।

रजिस्ट्रार जनरल मनोज जैन द्वारा साइन किए 15 जून के अपने आदेश में हाईकोर्ट ने कहा, “कड़कड़डूमा कोर्ट में चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (सीएमएम) उत्तर-पूर्व के कोर्ट और कड़कड़डूमा कोर्ट में शाहदरा जिले के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (एमएम)-4 को हाल ही में उत्तर-पूर्वी और शाहदरा में दर्ज हिंसा के मामलों की सुनवाई के लिए अदालत के रूप में नामित किया गया है।”

जबकि पुरुषोत्तम पाठक, जो वर्तमान में मुख्य मेट्रोपोलिटियन मजिस्ट्रेट (सीएमएम) नई दिल्ली के रूप में सेवारत हैं, को अब उत्तर पूर्व का सीएमएम बनाया गया है और उनका तबादला पटियाला हाउस कोर्ट से कड़कड़डूमा कोर्ट कर दिया गया है। सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट एमएम-1 के रूप में सेवा दे रहे फहादउद्दीन को शाहदरा जिला का एमएम4 बनाया गया है और उनका तबादला तीस हजारी कोर्ट से कड़कड़डूमा कोर्ट में किया गया है।

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा, “दिल्ली के उत्तर-पूर्वी और शाहदरा जिले में दर्ज हालिया सांप्रदायिक हिंसा/दंगा मामलों की सुनवाई के लिए (अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश) एएसजी-3, कड़कड़डूमा (केकेडी) और एएसजे-3, शाहदरा, केकेडी को अदालत के रूप में नामित किया गया है।”

हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि डीएसजे, उत्तर पूर्व जिला जिले में एएसजे-3 के न्यायालय को सभी सेशन के विचारणीय दंगे मामले को एलोकेट करेगा और ऐसा ही निर्देश डीएसजे, शाहदरा को दिया गया।

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