मुख्यमंत्री श्री चौहान ने महारानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित की
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वाधीनता और स्वाभिमान के लिए अपने प्राणों का अर्पण कर देने वाली वीरांगना महारानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निवास पर महारानी दुर्गावती के चित्र पर माल्यार्पण किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि महारानी दुर्गावती की गौरव गाथा सदैव भारत की भावी पीढ़ियों को गर्व की अनुभूति करायेगी और राष्ट्र की उन्नति तथा सेवा के लिए प्रेरित करती रहेगी।
रानी दुर्गावती का राज्य गढ़मंडला था, जिसका केंद्र जबलपुर था। उन्होंने अपने पति गोण्ड राजा दलपत शाह की असमय मृत्यु के बाद पुत्र वीर नारायण को सिंहासन पर बैठाकर, उसके संरक्षक के रूप में शासन प्रारंभ किया। इनके शासन में राज्य की बहुत उन्नति हुई। मुगल शासक अकबर राज्य को जीतना चाहता था। अकबर ने अपने रिश्तेदार आसफ खाँ के नेतृत्व में गोण्डवाना साम्राज्य पर हमला कर दिया। रानी ने अंत समय तक भीषण संघर्ष किया। अंतत: 24 जून 1564 को रानी ने अपनी कटार स्वयं ही अपने सीने में भोंककर आत्म-बलिदान कर दिया।