पुलिस कर्मियों से विवाद के चलते सैकड़ों अधिवक्ताओं ने किया एसपी ऑफिस का घेराव
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विलोक पाठक / न्यूज़ इन्वेस्टिगेशन
जबलपुर, माढ़ोताल थाना क्षेत्र में वाहन चेकिंग के दौरान अधिवक्ताओं और पुलिसकर्मियों के बीच हुए टकराव को लेकर सोमवार को सैकड़ो वकीलों ने जबलपुर पुलिस अधीक्षक कार्यालय का घेराव कर दिया। वकीलों का आरोप था की पुलिस ने उन्हें जाति सूचक गालियों से संबोधित किया है जिस पर ठोस कार्रवाई होना चाहिए। अधिवक्ताओं ने खुली चेतावनी देते हुए कहा कि यदि कार्यवाही नहीं हुई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। जिला अधिवक्ता संघ के बैनर तले बड़ी संख्या में अधिवक्ता कोर्ट परिसर से रैली निकालते हुए एसपी कार्यालय पहुंचे। वकीलों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और दोषी पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित करने की मांग की। अधिवक्ताओं ने कहा कि माढ़ोताल थाने में जो कुछ हुआ, वह न केवल एक अधिवक्ता का अपमान है, बल्कि पूरे वकील समाज के सम्मान पर चोट है। इस दौरान वकीलों ने एसपी को ज्ञापन भी सौंपा।
जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष मनीष मिश्रा ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने न केवल विवेक पटेरिया के साथ दुर्व्यवहार किया,बल्कि संघ पदाधिकारियों के साथ भी बदसलूकी की। संघ का कहना है कि यह घटना महज एक वाहन चेकिंग विवाद नहीं, बल्कि पुलिसिया अहंकार का परिचायक है, जिसमें अधिवक्ताओं के संवैधानिक अधिकारों का खुला उल्लंघन किया गया है। अधिवक्ताओं ने पुलिस पर जातिसूचक गालियाँ देने और शारीरिक हिंसा करने के भी गंभीर आरोप लगाए थे। जिसके बाद थाना माढ़ोताल में उप निरीक्षक बृजेश तिवारी और आरक्षक सत्यम पटेल के खिलाफ ST/SC एक्ट सहित अन्य धाराओं पर मामला भी कायम कर लिया गया था। जिला अधिवक्ता संघ के पदाधिकारियों ने स्पष्ट कहा है कि यदि शीघ्र और प्रभावी कार्रवाई नहीं होती है, तो वकील समाज अदालतों का बहिष्कार कर सड़क पर उतरने को मजबूर होगा। संघ का कहना है कि अधिवक्ताओं के सम्मान के लिए वे किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।
Vilok Pathak
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